पश्चिम बंगाल में मंत्री के करीबी के घर मिले 20 करोड़

मंत्री की करीबी के घर पर आज भी छापेमारी जारी,हो सकते हैं कई बड़े खुलासे

                 फिल्म एक्टेरेस:अर्पिता मुखर्जी

नई दिल्ली:पश्चिम बंगाल में शिक्षा भर्ती घोटाले की आंच राज्य सरकार में बैठे मंत्रियों तक आ गई है,शिक्षा मंत्री पार्थ चटर्जी की करीबी माने जाने वालीं अर्पिता मुखर्जी के घर पर ईडी का छापा पड़ा है।20 करोड़ के करीब कैश बरामद कर लिया गया है,पार्थ के घर पर भी कई घंटों की छापेमारी चली है,लेकिन इस पूरे विवाद से टीएमसी ने खुद को दूर कर लिया है,जो विवाद पार्टी और सरकार के लिए किरकिरी का सबब बन सकता है, उस मुद्दे से बचने की जद्दोजहद अभी से शुरू कर दी गई है।टीएमसी ने एक आधिकारिक बयान जारी कर खुद को इस घोटाले से दूर कर लिया है,कहा गया है कि टीएमसी का इन पैसों से कोई लेना देना नहीं है. जांच में जिनके भी नाम सामने आए हैं,जवाब देना उनका और उनके वकीलों का काम है,टीएमसी अभी पूरे मामले को करीब से देख रही है,समय आने पर प्रतिक्रिया दी जाएगी। अब ममता बनर्जी की पार्टी ने तो ये कह पल्ला झाड़ लिया, लेकिन बंगाल में बीजेपी ने इसे बड़ा मुद्दा बनाने में जरा भी देरी नहीं की,बीजेपी नेता शुभेंदू अधिकारी ने ट्वीट कर कहा कि अर्पिता मुखर्जी के घर से 20 करोड़ रुपये मिले हैं,वे पश्चिम बंगाल के शिक्षा मंत्री पार्थ चटर्जी की करीबी हैं,जानकारी तो ये भी मिली है कि ये पैसा शिक्षा मंत्रालय के एनवेलप में पड़ा मिला है,उस एनवेलप पर भी राष्ट्रीय स्मारक का लोगो प्रिंट किया हुआ है,क्या ये मामले का सिर्फ एक छोटा सा हिस्सा है? शुभेंदू ने एक और ट्वीट कर ये भी दावा कर दिया है कि अभी तक फिल्म शुरू हुई है, ये सिर्फ एक ट्रेलर है,उनका ट्वीट बताने के लिए काफी है कि आने वाले दिनों में इस मामले में और भी कई बड़े खुलासे हो सकते हैं।

शिक्षा मंत्री:पार्थ चटर्जी

वहीं बीजेपी प्रदेश अध्यक्ष सुकांत मजूमदार ने तो इसे बंगाल का मॉडल बता दिया है,उनके मुताबिक टीएमसी ने भ्रष्टाचार के सारे रिकॉर्ड तोड़ दिए हैं,उनकी सरकार ने अवैध तरीके से नकदी की चोरी करने वाला मॉडल चलन में ला दिया है,बंगाल के दूसरे नेताओं ने इस मुद्दे पर ट्विटर राजनीति शुरू कर दी है और लगातार आरोप-प्रत्यारोप का दौर देखने को मिल रहा है,अब जिस मामले में ईडी ने ये पूरी कार्रवाई की है, असल में इसके निर्देश तो कलकत्ता हाई कोर्ट ने दिए थे,इसी वजह से इस समय टीएमसी भी सीधे-सीधे बीजेपी या फिर सरकार पर हमला नहीं कर सकती है।


   भाजपा प्रदेश अध्यक्ष:सुकांत मजूमदार

जानकारी के लिए बता दें कि कुछ समय पहले हाई कोर्ट ने इस पूरे घोटाले की जांच की जिम्मेदारी सीबीआई को दी थी।सीबीआई ने अपनी तरफ से सवाल-जवाब का सिलसिला शुरू भी किया, लेकिन तब इस मामले में मनी लॉन्ड्रिंग का एंगल भी सामने आ गया,ऐसे में तब इस केस के साथ ईडी भी जुड़ गई और अर्पिता से लेकर पार्थ तक, कई हाई प्रोफाइल लोगों की मुश्किलें बढ़ गईं।इस घोटाले की आंच सिर्फ अर्पिता या पार्थ तक सीमित नहीं है,बल्कि माणिक भट्टाचार्य,आलोक कुमार सरकार, कल्याण मॉय गांगुली जैसे नाम भी शामिल हैं।

         बीजेपी नेता:शुभेन्दु अधिकारी

लेकिन जांच का सबसे बड़ा केंद्र अर्पिता मुखर्जी बनी हुई हैं क्योंकि उनके यहां 20 करोड़ कैश बरामद हो गया है, 20 फोन भी जब्त किए गए हैं।अब उनके यहां ये सब मिलना मंत्री पार्थ चटर्जी को भी मुश्किल में डाल गया है,जितने सबूत अर्पिता के खिलाफ मिल रहे हैं, उतने ज्यादा सवाल पार्थ से पूछने की तैयारी है,इसका सबसे बड़ा कारण ये है कि अर्पिता और पार्थ को कई मौकों पर साथ देखा गया है,उनकी कई तस्वीरें भी इस समय चर्चा का विषय बनी हुई हैं।2019 में तो पार्थ चटर्जी की दुर्गा पूजा में तो अर्पिता को ब्रॉन्ड फेस बना दिया गया था। 

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