9 जुलाई-स्थापना दिवस:अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद
एक भारतीय छात्र संगठन
ABVP की स्थापना 9 जुलाई 1949 को की गयी।विद्यार्थी परिषद का नारा है- ज्ञान, शील और एकता।
आज विद्यार्थी परिषद् न केवल भारत का बल्कि विश्व का सबसे बड़ा छात्र-संगठन है।
यह संगठन छात्रों से प्रारंभ हो, छात्रों की समस्याओं के निवारण हेतु एक एकत्रित छात्र शक्ति का परिचायक है। विद्यार्थी परिषद् के अनुसार, छात्रशक्ति ही राष्ट्रशक्ति होती है।विद्यार्थी परिषद् का मूल उद्देश्य राष्ट्रीय पुनर्निर्माण है।
स्थापना काल से ही संगठन ने छात्र हित और राष्ट्र हित से जुड़े प्रश्नों को प्रमुखता से उठाया है और देशव्यापी आंदोलनों का नेतृत्व किया है।
अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद् ने छात्र-हित से लेकर भारत के व्यापक हित से सम्बद्ध समस्याओं की ओर बार-बार ध्यान दिलाया है।
बांग्लादेशी अवैध घुसपैठ और कश्मीर से धारा 370 को हटाने के लिए विद्यार्थी परिषद् समय -समय पर आन्दोलन चलाता रहा है।
बांग्लादेश को तीन बीघा भूमि देने के विरुद्ध परिषद् ने ऐतिहासिक सत्याग्रह किया था।अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद् शिक्षा के व्यवसायीकरण के खिलाफ बार-बार आवाज उठाती रही है।
इसके अतिरिक्त अलगाववाद, अल्पसंख्यक तुष्टीकरण,आतंकवाद और भ्रष्टाचार जैसी राष्ट्रविरोधी गतिविधियों के विरुद्ध लगातार संघर्षरत रहे हैं।
अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद बिना किसी राजनीतिक पृष्ठभूमि के देश हित में काम करती है।कुछ लोग इस प्रकार का भ्रम फैलाते हैं कि भारतीय जनता पार्टी की शाखा के रूप में परिषद् काम करती है। लेकिन यह सत्य नहीं है।परिषद् का जन्म भारतीय जनता पार्टी से बहुत पहले हो चुका है,इसलिए विद्यार्थी परिषद एक स्वयंभू संगठन है जो कि राष्ट्रवाद की विचारधारा पर काम करता है।
बिहार में अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद के नाम सबसे अधिक रक्तदान करने का रिकॉर्ड है।इसके अलावा वैसे निर्धन मेधावी छात्र,जो प्रतियोगी परीक्षाओं की तैयारी के लिय़े निजी कोचिंग संस्थानों में नहीं जा सकते,उनके लिये स्वामी विवेकानंद निःशुल्क शिक्षा शिविर का आयोजन किया जाता है।
आज यह एबीवीपी संगठन विश्व का सबसे बड़ा छात्र संगठन है जो राष्ट्र निर्माण में निरन्तर अपना योगदान दे रहा है।