बाँदा,मरौली खंड-5 बालू खदान में बड़े पैमाने पर अवैध खनन जारी है,जिससे पर्यावरणीय संतुलन को खतरा पैदा हो रहा है।स्थानीय ग्रामीणों का आरोप है कि नियमों को ताक पर रखकर बिना वैध परमिट,ओवरलोडिंग और बिना ओटीपी के खनन एवं परिवहन किया जा रहा है।
यूपी खनन नीति और एनजीटी (राष्ट्रीय हरित अधिकरण) के नियमों के अनुसार, नदी की जलधारा में तीन मीटर से नीचे खनन प्रतिबंधित है,साथ ही पोकलैंड जैसी भारी मशीनों के उपयोग पर भी रोक है।बावजूद इसके,मरौली खंड-5 में दिन-रात अवैध खनन और ओवरलोडिंग जारी है,जिससे नदी की पारिस्थितिकी को भारी नुकसान हो रहा है।
ग्रामीणों का कहना है कि अवैध खनन के कारण जलस्तर गिरने,कटाव और बाढ़ जैसी आपदाओं का खतरा बढ़ गया है।वहीं,प्रशासन और खनिज विभाग की उदासीनता से खनन माफियाओं के हौसले बुलंद हैं।लोगों ने मांग की है कि सरकार अवैध खनन पर सख्त कार्रवाई करे और दोषियों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई सुनिश्चित की जाए।