महाकुंभ 2025 का शुभारंभ,उमड़ा आस्था का सैलाब,जहाँ शाम होते-होते करीब 1.60 करोड़ श्रद्धालुओं नें किया पवित्र संगम में स्नान।
प्रयागराज,महाकुंभ का शुभारंभ पौष पूर्णिमा के पावन अवसर पर हुआ।जहाँ आस्था का सैलाब उमड़ पड़ा,यह महाकुंभ पूरी दुनिया के लिए आस्था आध्यात्मिकता एवं संस्कृति का महापर्व है।पवित्र संगम तट पर लाखों श्रद्धालुओं ने सुबह से ही डेरा डाल दिया था।शाम 4 बजे तक लगभग 1.60 करोड़ श्रद्धालुओं ने संगम में पवित्र स्नान किया,यह संख्या दिनभर बढ़ती रही।
महाकुंभ 2025 के प्रमुख स्नान पर्व
1. मकर संक्रांति: 14 जनवरी 2025
2. पौष पूर्णिमा: 13 जनवरी 2025
3. मौनी अमावस्या: 29 जनवरी 2025
4. बसंत पंचमी: 3 फरवरी 2025
5. माघी पूर्णिमा: 12 फरवरी 2025
6. महाशिवरात्रि: 26 फरवरी 2025
इन तिथियों पर करोड़ों श्रद्धालुओं के शामिल होने की प्रबल संभावना है।
महाकुंभ की प्रमुख व्यवस्थाएं एवं विशेषताएं
1. सुरक्षा व्यवस्था:
- 40,000 पुलिसकर्मियों को विभिन्न स्थानों पर तैनात किया गया है।
- 2,700 एआई-निगरानी कैमरे, सैकड़ों ड्रोन और पानी के अंदर ड्रोन की मदद से घाटों पर चौकसी रखी जा रही है।
- भीड़ प्रबंधन: संगम नोज क्षेत्र का विस्तार किया गया है,जिससे प्रति घंटे 2 लाख श्रद्धालु आराम से स्नान कर सकें।
2. आवास और सुविधाएं:
- 1.6 लाख टेंट श्रद्धालुओं के लिए लगाए गए हैं,जो बिजली,पानी और शौचालय जैसी सुविधाओं से लैस हैं।
- 450 किलोमीटर से अधिक अस्थायी सड़कों का निर्माण किया गया है।
- 30 पांटून पुलों की स्थापना की गई है,ताकि यातायात बाधित न हो।
3. स्वच्छता और पर्यावरण अभियान:
- पूरे क्षेत्र में स्वच्छता को सुनिश्चित करने के लिए 25,000 से अधिक सफाईकर्मियों की नियुक्ति की गई है।
- हर घाट पर जैव-शौचालय की व्यवस्था की गई है।
4. डिजिटल सुविधाएं:
- श्रद्धालुओं को जानकारी देने और दिशा-निर्देश देने के लिए डिजिटल बोर्ड और ऐप्स की व्यवस्था की गई है।
- एकीकृत हेल्पलाइन नंबर स्थापित किया गया है,जिससे किसी भी प्रकार की समस्या का तुरंत समाधान हो सके।
प्रमुख निर्माण और बजट
- महाकुंभ 2025 के लिए 7,000 करोड़ रुपये का बजट निर्धारित किया गया है।
- संगम क्षेत्र में हनुमान मंदिर कॉरिडोर का निर्माण दिसंबर 2024 तक पूरा किया गया।
- सड़कों का चौड़ीकरण,ड्रेनेज सिस्टम और सार्वजनिक लाइटिंग की व्यवस्था पहले ही की जा चुकी है।
महत्व और लक्ष्य
महाकुंभ 2025 के आयोजन का उद्देश्य इसे दिव्य,भव्य और डिजिटल बनाना है।उत्तर प्रदेश सरकार और प्रशासन ने इसे श्रद्धालुओं के लिए सहज,सुरक्षित और अविस्मरणीय बनाने के लिए सभी संभव प्रयास किए हैं।संगम तट पर श्रद्धालु गंगा, यमुना और अदृश्य सरस्वती के संगम में पवित्र डुबकी लगाकर अपने पापों से मुक्ति और मोक्ष की प्राप्ति की कामना कर रहे हैं।
महाकुंभ केवल धार्मिक आयोजन नहीं है,बल्कि यह भारत की सांस्कृतिक और आध्यात्मिक विरासत का प्रतीक है।लाखों लोगों के बीच यह आयोजन विश्व के सबसे बड़े मेलों में से एक है।
महाकुंभ के शुभारंभ में एक रसियन महिला श्रद्धालु ने कहा,"मेरा भारत महान"भारत एक महान राष्टृ है।हम प्रथम बार कुंभ मेले जैसे आयोजन में आए हैं।यहाँ हम असली भारत को देख सकते हैं,असली शक्ति भारतीयों में निहित है।मैं इस पवित्र स्थान के लोगों के उत्साह से काँप रहीं हूँ।मुझे भारत से बेहद प्यार है।