जानिए:महात्मा गांधी के विचार व दर्शन आज भी प्रासंगिक

गांधी जयंती पर विशेष

अहमदाबाद।आजतकहिंदी. कॉम।   2 अक्टूबर का जिक्र आते ही जेहन में राष्ट्रपिता महात्मा गांधी की जयंती पर श्रृद्धा सुमन के भाव व उनका चित्र उभरने लगता हैं,गांधी जी का पूरा नाम मोहनदास करमचंद गांधी था,उन्हें राष्ट्रपिता एवं बापू कहतें हैं।  

 वह एक राजनीतिक,नैतिकतावादी तथा राष्ट्रवादी नेता थे,हालांकि वे पेशे से एक वकील भी थे,वो प्रेम और सहिष्णुता की शक्ति में विश्वास करते थे।

प्रत्येक वर्ष 2 अक्टूबर को राष्ट्रपिता महात्मा गांधी की जयंती मनाई जाती है,उनका जन्म 2 अक्टूबर 1869 को गुजरात के एक तटीय शहर पोरंबदर में हुआ था,इस वर्ष देश महात्मा गांधी की 153वीं जयंती मना रहा है,महात्मा गांधी विश्व के उन नेताओं में से हैं,जिनसे हर कोई बहुत कुछ सीख सकता है,उनकी कही बातें लोगों को आज भी उत्साहित करती हैं,उनके विचार आज भी उतने ही प्रासांगिक हैं,जो जिंदगी में कुछ अच्छा करने और आगे बढ़ने की प्रेरणा देते हैं,गांधी जी के उन्हीं महान विचारों में से कुछ चुनिंदा अनमोल विचार यहाँ प्रस्तुत

- पहले लोग आपको नजरअंदाज करेंगे,फिर वो आप पर हंसेंगे व ताना मारेंगे,फिर वो आप से लड़ेंगे और तब आप उन पर भारी पड़ेंगे और आप जीत जाएंगे।

-जिस दिन से एक महिला रात में सड़कों पर स्वतंत्र रूप से चलने लगेंगी, उस दिन से हम कह सकते हैं कि भारत ने वास्तविक स्वतंत्रता हासिल कर ली।

-एक विनम्र तौर तरीके से आप पूरी दुनिया को हिला सकते हैं।

-विश्वास को हमेशा तर्क से तौलना चाहिए,जब विश्वास अंधा हो जाता है तो मर जाता है।

-डर शरीर की बीमारी नहीं,आत्मा को झकझोर कर मारता है।

-ऐसे जियो जैसे कि आपको कल मरना है एवं सीखें ऐसे जैसे आपको हमेशा जीवित रहना है।

-भूल से भी गलती करने में पाप हो जाता है,परन्तु उसे छुपाने में उससे भी बड़ा पाप है।

-जो समय बचाते हैं,वे धन बचाते हैं और बचाया हुआ धन,कमाए हुए धन के बराबर होता है।

-बुद्धिमान लोग काम करने से पहले सोचते हैं और मूर्ख लोग काम करने के बाद।

-अपनी गलती को स्वीकारना झाड़ू लगाने के सामान है,जो धरातल की सतह को चमकदार और साफ कर देती है।

-दुनिया हर किसी की जरूरत को पूरा करने के लिए काफी है,लेकिन हर किसी के लालच को पूरा करने के लिए नहीं।

-आप प्रत्येक दिन अपने भविष्य की तैयारी करते हैं।

-किसी भी काम को या तो प्रेम व लगन से करें या उसे कभी करें ही नहीं।

-यदि मनुष्य सीखना चाहे,तो उसकी हर भूल उसे कुछ शिक्षा दे सकती है।

-जिंदगी का हर दिन ऐसे जीना चाहिए जैसे कि यह तुम्हारे जीवन का आखिरी दिन होने वाला है।

अनंत कोटि नमन

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