बाँदा में पार्थिव शिवलिंग का हुआ विसर्जन

पार्थिव शिवलिंग निर्माण के बाद तीसरे दिन बड़े धूमधाम से हुआ विसर्जन 

मिट्‌टी के शिवलिंग की पूजा से मिलता है धन-धान्य, दूर होते हैं मानसिक और शारीरिक कष्ट

समाजसेवी राम किशुन बासू के आवास पर हुआ भव्य आयोजन

बाँदा,भगवान शिव की पूजा के लिए सावन के महीने को सबसे ज्यादा उत्तम और शुभ माना गया है।हिंदू धर्म में भगवान शिव को कल्याण का देवता माना गया है। जिनकी साधना के लिए श्रावण मास ही शुभ माना गया है। यही वजह है कि शहर के विभिन्न हिस्सों में पार्थिव शिवलिंग का निर्माण किया जा रहा है। समाजसेवी रामकिसुन बासु आवास सिविल लाइन में एक लाख शिवलिंग निर्माण किया गया।

पुजारी गंगा सागर शुक्ला ने बताया कि सावन महीने में पार्थिव शिवलिंग निर्माण का विशेष महत्व है,अगर कोई व्यक्ति सच्चे मन से कोई भी कामना लेकर भगवान शिव के पार्थिव शिवलिंग का निर्माण करें, तो निश्चित ही उनकी सारी कामनाएं सिद्ध हो जाती है और सभी प्रकार की कष्टों से मुक्ति मिलती है।इसलिए बासु आवास पर सवा लाख पार्थिव शिवलिंग एवं रुद्र यज्ञ का आयोजन किया जा रहा है।

सोहनलाल बाजपेई ने बताया कि पार्थिव शिवलिंग बनाने के लिए पवित्र नदी या तालाब से मिट्टी का उपयोग किया जाता है।शुद्ध मिट्‌टी से ही पार्थिव शिवलिंग का निर्माण कर उसमें गाय का गोबर, गुड़, मक्खन और भस्म मिलाकर पूजा अर्चना की जाती है।यहां भी शुद्ध मिट्‌टी लाकर शिवलिंग का निर्माण चल रहा है।

उधर छोटी बाजार में ठठारही में पं. श्याम  मिश्रा ने बताया कि एक लाख से अधिक पार्थिव शिवलिंग का निर्माण हो गया है। पार्थिव शिवलिंग का निर्माण कर पूजा-अर्चना की थी,जिसकी वजह से पार्थिव शिवलिंग का विशेष महत्व है।कार्यक्रम में सफ़ल बनाने में पुजारी गंगा सागर शुक्ला, मनोज, कुलदीप,श्याम मिश्रा,सोहनलाल बाजपेई,पंडित बिजेंद्र तिवारी,पंडित चंदन त्रिपाठी,प्रियांशू दीक्षित,देवेन्द्र दीक्षित अनुभव तिवारी,राम किशुन बासु,अंकित बासु,अभिनव आदि मौजूद रहे।

Post a Comment

Previous Post Next Post

Contact Form