तेरा (ब) खदान में अवैध खनन का मामला उजागर,पर्यावरणीय नियमों की हो रही अनदेखी
बाँदा,नरैनी तहसील के तेरा (ब) गांव स्थित बालू खदान में अवैध खनन का मामला सामने आया है।ग्रामीणों और ग्राम प्रधान ने आरोप लगाया है कि खनन क्षेत्र की निर्धारित सीमाओं से बाहर जाकर मशीनों के माध्यम से गहराई तक बालू निकाली जा रही है।इस अनियमित खनन से नदी की धारा प्रभावित हो रही है और तटों पर तेजी से कटान बढ़ रहा है।
राष्ट्रीय हरित अधिकरण (एनजीटी) द्वारा स्पष्ट रूप से नदी में मशीनों से खनन, जलधारा को मोड़ने,निर्धारित गहराई से अधिक खुदाई करने तथा रात के समय खनन करने पर प्रतिबंध लगाया गया है। इसके बावजूद तेरा (ब) खदान में इन दिशा-निर्देशों का खुला उल्लंघन किया जा रहा है।
उत्तर प्रदेश खनन नीति 2022 के अनुसार प्रत्येक खदान के लिए पर्यावरणीय स्वीकृति,जीपीएस आधारित निगरानी और सीमा चिन्हांकन आवश्यक है, लेकिन तेरा (ब) खदान में इन व्यवस्थाओं का पालन नहीं किया जा रहा है। स्थानीय लोगों का कहना है कि उन्होंने कई बार अधिकारियों को शिकायतें दीं,परंतु अब तक कोई प्रभावी कार्रवाई नहीं की गई।
अवैध खनन से न केवल नदी का पारिस्थितिकी तंत्र खतरे में है,बल्कि जलस्तर में लगातार गिरावट से किसानों की सिंचाई व्यवस्था भी प्रभावित हो रही है।ग्रामीणों ने जिला प्रशासन से मांग की है कि एनजीटी के मानकों के अनुसार विस्तृत जांच कर खदान संचालक और जिम्मेदार विभागीय अधिकारियों के विरुद्ध कठोर कार्रवाई की जाए।
