कर्मचारियों-पेंशनरों के लिए अच्छी खबर,बढ़ेगी पेंशन राशि,सरकार कर सकती है जल्द इसका ऐलान

नई दिल्ली,पेंशन सुधार स्कीम के अंतर्गत श्रम मंत्रालय और कर्मचारी भविष्य निधि संगठन ईपीएफओ द्वारा कर्मचारी पेंशन योजना ईपीएस को ज्यादा कारगर बनाने और उच्च मासिक पेंशन के लिए धन जुटाने पर संभावित रूप से संसाधनों को बढ़ाने के लिए इसमें नीतिगत एवं ढांचागत बदलाव कर सकती है।मौजूदा समय पर ईपीएस के पेंशनरों को एक हजार रुपए की न्यूनतम गारंटेड पेंशन मिलती है।

निजी क्षेत्र में काम करने वाले कर्मचारियों के लिए गुड न्यूज़ है।बजट सत्र के दौरान फरवरी 2023 में  कर्मचारियों को एक बड़ी सौगात मिल सकने के पूरे आसार है। हाल की  मीडिया खबरों के मुताबिक कर्मचारी पेंशन योजना में कर्मचारी भविष्य निधि संगठन कुछ बदलाव कर सकता है।बढ़ती महंगाई को देखते हुए ईपीएफओ को पेंशन बढ़ाने के सुझाव मिले हैं,ऐसे में प्रबल संभावना दिख रही है,कि केन्द्र सरकार एम्पलॉइ प्रोविडेंट फंड में योगदान देने वाले कर्मचारियों को अधिक पेंशन देने पर विचार कर सकती है। 

वैसे,ईपीएफओ के केंद्रीय न्यासी बोर्ड की पिछली बैठक में इस मुद्दे पर चर्चा की गई थी और अब अनुमान लगाए जा रहे है,कि फरवरी में होने वाली अगली बैठक में भी इसी फार्मूले पर फिर विचार किया जा सकता है।इसके अंतर्गत श्रम मंत्रालय और कर्मचारी भविष्य निधि संगठन ईपीएफओ कर्मचारी पेंशन योजना ईपीएस को अधिक से अधिक कारगर बनाने और ज्यादा मासिक पेंशन के लिए धन जुटाने पर अनुमानित रूप से संसाधनों को बढ़ाने के लिए इसमें बदलाव कर सकती है।वर्तमान में ईपीएस के पेंशनरों को एक हजार रुप की न्यूनतम  गारण्टेड पेंशन मिलती है और बढ़ती महंगाई को देखते हुए इसे और बढ़ाने के सुझाव दिए गए हैं।

उधर,उच्च पेंशन पर सुप्रीम कोर्ट के हाल के फैसले ने पेंशन पर ईपीएफओ के अनुमानित खर्च को बढ़ा दिया है। मीडिया खबरों के अनुसार,10 वर्ष की पेंशन योग्य सेवा के साथ एक हजार की न्यूनतम मासिक पेंशन अर्जित करने के लिए,एक सदस्य को लगातार 10 साल तक कम से कम 711 प्रति महीने का योगदान देना चाहिए।उधर, 2021-22 में स्कीम में योगदान करने वाले 61.2 मिलियन सदस्यों में से, 34.7 मिलियन सदस्यों ने पेंशन के लिए प्रति महीने 700 से कम का योगदान दिया।योजना के प्रावधानों के अनुसार वर्तमान वैधानिक वेतन सीमा `15 हजार प्रति महीना है,जिसमें एक सदस्य द्वारा 1,250 का मासिक योगदान होगा,हालांकि योजना के मुताबिक पेंशनरों और वितरित पेंशन की संख्या में भी इजाफा हुआ है।

बताते चलें,कि 31 मार्च 2022 तक, ईपीएस में रुपए 6.89 ट्रिलियन के फंड के साथ लगभग 7.3 मिलियन पेंशन भोगी थे,जो 2016-17 के बाद से लगभग 86.41% की वृद्धि हुई है, इसने 2021-22 में पेंशन और निकासी लाभ के रूप में 20,922 करोड़ और 2020-21 में 20,378 करोड़ का वितरण किया था। ईपीएफओ वर्ष 2019-20, 2020-21 और 2021-22 के लिए पेंशन योजना के मूल्यांकन के लिए एक्चुअरी नियुक्त करने के प्रोसेस में है,ऐसे में फरवरी में होने वाली आगामी मीटिंग में भी इस योजना पर विचार किया जा सकता है।

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