जानिए:धर्मांतरण के दबाव में 17 वर्षीय किशोरी ने की आत्महत्या

धर्मांतरण के दबाव में 17 वर्षीय किशोरी ने की आत्महत्या,मृतका की बड़ी बहन ने कहा-मेरी बहन का कातिल उर्दू में भेजता था धमकी भरे मैसेज,वह कहता था-नकाब के बिना दिखी तो पूरा परिवार मरेगा।

लखनऊ,उत्तर प्रदेश की राजधानी लखनऊ में एक 17 साल की किशोरी ने आत्महत्या कर लिया।पिता ने आरोप लगाते हुए कहा,कि रफीक सिद्दीकी मेरी बेटी को धर्म बदल कर उससे शादी करने के लिए लगातार धमकाता रहता था।उससे कहता था,कि बिना नकाब के दिखी तो पूरे परिवार को जान से मार दूँगा।उसकी धमकियों से आजिज आकर मेरी बेटी ने सुसाइड कर लिया।

मड़ियांव थाना क्षेत्र के प्रेम नगर इलाके में उस मृतक किशोरी के घर मीडिया पहुँची।वहाँ मृतका के माँ-बाप और बड़ी बहन से बात की,जिसमें उन्होंने अपनी सारी आप-बीती बताई।साथ ही मीडिया नें एडीसीपी कासिम आब्दी से भी बात की।

विवरण : मृतक किशोरी की माँ शांति देवी ने बताया,कि 2018 में रफीक ने हमारे घर के पीछे वाली गली में बोरी सिलाई का कारखाना शुरू किया था।रोजी-रोटी चलाने के लिए मैंने और मेरी बेटी ने उस कारखाने में काम शुरू कर दिया।तब मेरी बेटी 13 साल की थी।वह बोरी काटती थी और मैं बोरियों की सिलाई करती थी।हम दोनों को कुल मिलाकर दिन के 3 सौ रुपए मिलते थे।वहीं से रफीक मेरी बेटी को जानने लगा था।बेटी जब 15 साल की हुई तो रफीक उसे परेशान करने लगा,मृतका किशोरी की माँ ने आगे कहा,कि रफीक मेरे सामने जबरदस्ती मेरी बेटी का हाथ पकड़ता था।

मृतका की माँ

हम दोनों ने रफीक के कारखाने में 2 साल तक काम किया।फिर रफीक मेरी बेटी को परेशान करने लगा। वह मेरे सामने ही जबरदस्ती मेरी बेटी का हाथ पकड़ता था।परेशान होकर हमने उस कारखाने की नौकरी छोड़ दी। कुछ दिन में रफीक का कारखाना भी घर से 1 किमी दूर शिफ्ट हो गया। हमारी आर्थिक हालत ठीक नहीं थी इसलिए बेटी ने 5 हजार महीने की सैलरी पर एक डॉक्टर साहब के यहाँ खाना बनाने का काम शुरू कर दिया।

मृतका के पिता

मृतक किशोरी के पिता संतराम शर्मा ने मीडिया को बताया,कि मेरी बेटी जिस डॉक्टर के यहाँ काम करने जाती थी,उनका घर हमारे घर से 2 किमी दूर था।वहीं रास्ते पर ही रफीक का कारखाना पड़ता था।बेटी को हर दिन पैदल उसके कारखाने के सामने से होकर गुजरना पड़ता था। जाते और आते वक्त रफीक लड़की को दोनों टाइम रोकता था और शादी के लिए मजबूर करता था,दबाव डालता था और धर्म बदलने के लिए कहता था।

मृतका की बड़ी बहन

किशोरी की बड़ी बहन ने मीडिया को बताया,कि 22 साल का रफीक मेरी बहन को पिछले 2 साल से धमका रहा था। माँ-बाप की इज्जत और समाज के डर से उसने यह बात पुलिस को नहीं बताई।वह मुझसे और माँ से ही अपनी तकलीफ बताती थी।घर आकर रोती रहती थी।रफीक उसके पास उर्दू में मैसेज करता था। उसे नकाब पहनकर घर से निकलने को मजबूर करता था।रफीक के 4 भाई हैं।सभी बदमाश टाइप के हैं, इसलिए मेरी बहन और ज्यादा डरी हुई थी।

मृतक किशोरी के पिता ने बताया,कि हाल ही के कुछ दिनों पहले रफीक की माँ और उसका भाई हमारे घर आए थे। उसकी माँ ने हमसे कहाकि चुपचाप लड़की की शादी हमारे बेटे से करवा दो और उसे धर्म बदलने को कहो।ऐसा नहीं किया तो तुम्हारी बेटी को घर से उठवा लूंगी।रफीक और उसके परिवार वालों की धमकियाँ और डरावनी होती जा रही थीं।माँ की धमकी के बाद हमारी बेटी और भी अधिक डर गई थी।मृतक किशोरी के पिता संतराम ने कहा,कि अब किसी हिंदू बेटी के साथ ऐसा ना हो।

बड़ी बहन ने मीडिया को बताया,कि मैं शादीशुदा हूंँ,पीछे वाली गली में किराए पर रहती हूँ।मेरी बहन हर दिन मेरे पास आकर रोती थी।कहती थी वो मुझे उठा लेगा।रफीक के डर से उसने नौकरी छोड़ दी थी।पिछले 10 दिनों से घर से निकलना बंद कर दिया था।बीते सोमवार घर पर कोई नहीं था। पिता मजदूरी करने गए थे। माँ मायके गई हुई थी। घर पर मृतक किशोरी और 14 साल का छोटा भाई था।भाई दूसरे कमरे में था।शाम को जब वह अंदर वाले कमरे में गया तो उसने देखा बहन फाँसी पर लटकी हुई है।

अफरा-तफरी में उसने पिता को फोन लगाया।पिता भागते हुए आए,देखा तो बहन की मौत हो चुकी थी।पिता ने पुलिस के पास जाकर एफआईआर दर्ज कराई।हमसे बात करते हुए पिता ने कहा,कि हम चाहते हैं कि आरोपियों को सख्त से सख्त सजा मिले,ताकि कोई भी किसी भी लड़की को धर्म बदलने के लिए धमका ना सके।

आत्महत्या मामले पर बात करते हुए पुलिस उपायुक्त उत्तरी एडीसीपी कासिम आब्दी ने कहा,मृतक लड़की के पिता संतराम ने लड़की की आत्महत्या की जानकारी दी है।तहरीर में उन्होंने कहा,कि लड़की ने रफीक सिद्दीकी नाम के लड़के के डर से आत्महत्या कर ली है।वह उससे शादी करने और धर्म बदलने के लिए धमकाता व दबाव बनाता था।हमने रफीक को गिरफ्तार कर लिया है। पुलिस मामले की सघनता से जाँच कर रही है।

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