मिसाल:बेटी रोहिणी ने अपने पिता लालू प्रसाद यादव को दी किडनी

पटना,बिहार के एक पूर्व मुख्यमंत्री और देश के कद्दावर नेता की बेटी,जिसका भाई उप मुख्यमंत्री।जिनके एक संकेत मात्र पर प्रशंसक व पार्टी के कार्यकर्ता जान देने को आतुर रहते हों।

                                  बेटी रोहिणी

एक ऐसे पिता की बेटी,जिसके छोटे छोटे तीन बच्चे हों और स्वयं एमबीबीएस डिग्रीधारी हो।जिसका पति बहुप्रतिष्ठित कंपनी में निदेशक हो।ऐसी परिस्थिति में कोई भी युवा महिला अपनी किडनी 75 वर्षीय बुजुर्ग पिता को दे,तो कोई छोटी बात नहीं,अपितु यह एक महान कार्य है।

जी हाँ,हम बात कर रहें हैं,लालू प्रसाद यादव और उनकी बेटी रोहिणी की,जिसने अपने बीमार पिता की जान बचाने के लिए,किडनी प्रत्यारोपण में अपनी खुद की किडनी बेहिचक दे दी।

फाइल फोटो:अस्पताल में लालू प्रसाद यादव

बेटी रोहिणी ने कहा,कि पापा के लिए मैं कुछ भी कर सकती हूंँ,मैं तो अभी सिर्फ अपने शरीर का एक छोटा सा अंश ही दे रही हूँ।

दरअसल बेटियों के रहते बेटे की चाहत में बच्चे पैदा करते लोगों के लिए रोहिणी एक सबक है,कि बेटियाँ भी बेटों से कम नहीं,उन्हें कमजोर समझना या पराई मान लेना सिर्फ मुर्खता ही है।

बेटी रोहिणी आचार्य ने अपने पिता और विहार के पूर्व मुख्यमंत्री लालू प्रसाद यादव को किडनी देकर सिर्फ नया जीवन ही नहीं दिया,बल्कि समाज के लिए एक प्रेरणादायक संदेश भी दिया है।

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