मामूली संशोधनों के साथ पुरानी पेंशन योजना लागू होगी?


कर्मचारी पुरानी पेंशन योजना अपनाएं या नई पेंशन योजना?जानिए!क्या हैं बड़ा अंतर और कहाँ है फायदा?

आइए!जानते हैं-कि नई पेंशन योजना (NPS) से पुरानी पेंशन योजना (OPS) में आने पर कर्मचारियों को क्या फायदा और क्या नुकसान हो सकता है? 

महत्वपूर्ण तथ्य

2005 में ओल्ड पेंशन स्कीम (OPS) खत्म कर नई पेंशन स्कीम(NPS) पेश की गई,ओल्ड पेंशन स्कीम (OPS) में पेंशन के लिए वेतन से कोई कटौती नहीं होती जबकि,न्यू पेंशन स्कीम (NPS) में सेवानिवृति के समय निश्चित पेंशन की कोई गारंटी नहीं है।

नई दिल्ली।आजतकहिंदी. कॉम।पेंशन का मुद्दा एक बार फिर से राजनीतिक रूप से चर्चा का केंद्र बनता जा रहा है।आजादी के बाद से देश में सरकारी कर्मचारियों के लिए जो पेंशन स्कीम जारी थी।उसे 2005 में समाप्त कर नई पेंशन योजना पेश की गई।

बीते 17 सालों में सेवा में शामिल हुए नए कर्मचारी,इसी नई पेंशन योजना के दायरे में आते हैं।लेकिन हाल के दिनों में चुनावों के दौरान राजनेताओं द्वारा ओल्ड पेंशन स्कीम (OPS) को दोबारा लागू करने की बात कही गई है।वहीं झारखंड पुरानी पेंशन योजना लागू करने की घोषणा करने वाला देश का तीसरा राज्य बन गया है,इससे पहले राजस्थान और छत्तीसगढ़ पुरानी पेंशन योजना लागू करने की घोषणा कर चुके हैं।मध्य प्रदेश में पूर्व मुख्यमंत्री कमलनाथ ने भी पूर्व में घोषणा की है।   उनके मुताबिक यदि मध्य प्रदेश में कांग्रेस की सरकार भविष्य में बनती है,तो यहाँ पर पुरानी पेंशन योजना लागू की जाएगी।

ऐसे में केंद्र और अन्य राज्यों में भी सरकारी कर्मचारियों के बीच ओल्ड पेंशन स्कीम के लिए सुगबुगाहट शुरू हो गई है और अब यह मामला राष्ट्रीय स्तर पर जोर पकड़ता जा रहा है।केंद्र की नरेंद्र मोदी सरकार इस मुद्दे पर दबाव पर आती हुई नजर आ रही है,कुछ राजनीतिक विश्लेषकों का मानना है,कि आगामी 2024 के आम चुनावों के पूर्व,मोदी सरकार पुरानी पेंशन योजना(OPS) को मामूली संशोधनों के साथ फिर से पूरे देश में लागू कर देगी।

अप्रैल 2005 के बाद तत्कालीन प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेई की केंद्र सरकार ने नियुक्तियों के लिए पुरानी पेंशन को बंद कर दिया था।नई पेंशन योजना लागू की गई थी।केंद्र सरकार के बाद नई पेंशन योजना लागू करने में राज्य भी पीछे नहीं रहे।हालांकि,नई पेंशन योजना लागू करना उनके लिए अनिवार्य नहीं था। 

पुरानी पेंशन योजना और नई पेंशन योजना में अंतर

OPS में पेंशन के लिए वेतन से कोई कटौती नहीं,जबकि NPS में कर्मचारी के वेतन से 10% (बेसिक+DA) की कटौती, OPS में जीपीएफ(General Provident Fund) की सुविधा,जबकि NPS में जनरल प्रोविडेंट फंड (GPF) की सुविधा को नहीं जोड़ा गया,OPS एक सुरक्षित पेंशन योजना है,इसका भुगतान सरकार की ट्रेजरी के जरिए किया जाता है,जबकी नई पेंशन योजना शेयर बाजार पर आधारित है,बाजार की चाल के आधार पर ही भुगतान होता है,पुरानी पेंशन योजना में सेवानिवृति के समय अंतिम बेसिक सैलरी के 50 प्रतिशत तक निश्चित पेंशन मिलती है,जबकि नई पेंशन योजना में रिटायरमेंट के समय निश्चित पेंशन की कोई गारंटी नहीं है।

OPS में सेवानिवृति के बाद 20 लाख रुपए तक ग्रेच्युटी मिलती है,जबकि NPS में रिटायरमेंट के समय ग्रेच्युटी का अस्थाई प्रावधान है,OPS में सर्विस के दौरान मौत होने पर परिवार पेंशन का प्रावधान है,जबकि NPS में भी सर्विस के दौरान मौत होने पर फैमिली पेंशन मिलती है,लेकिन योजना में जमा पैसे सरकार जब्त कर लेती है,OPS सेवानिवृति के समय पेंशन प्राप्ति के लिए जीपीएफ से कोई निवेश नहीं करना पड़ता है,जबकि NPS में पेंशन प्राप्ति के लिए फंड से 40 प्रतिशत धनराशि निवेश करना होता है।

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