अमरनाथ यात्रा : जल प्रलय
नई दिल्ली : बादल फटने के बाद लोगों को बचाने में जुटे आईटीबीपी के जवान, अब तक 15000 श्रृद्धालुओं को सुरक्षित निकाला गया।
अमरनाथ गुफा के पास कल बादल फटने के बाद इसकी चपेट में आने से अबतक 16 श्रद्धालुओं की मौत की पुष्टि की गई है।जबकि 40 से ज्यादा लोग घायल हैं और 35 लोग इस हादसे के बाद अभी भी लापता हैं।लापता लोगों की तलाश में रेस्क्यू ऑपरेशन जारी है और मौके पर आईटीबीपी और एनडीआरएफ की टीमें मौजूद है।
वहीं सुरक्षाबल का कहना है कि रेस्क्यू ऑपरेशन जल्द ही पूरा कर लिया जाएगा और बताया कि यात्रा में 8 से 10 हज़ार लोग शामिल थे। वही हादसे के बाद अमरनाथ यात्रा रोकी दी गई है और अबतक 15 हजार लोगों को सुरक्षित निकाला गया है साथ ही अधिकांश तीर्थयात्रियों को पंजतरणी में भेजा गया है।
ऐसा ही हादसा 16 जून 2013 को केदारनाथ धाम में हुआ था, जिसमें हजारों मौतें हुईं थीं।वहीं बादल फटने के बाद बहाव इतना ज्यादा तेज था कि पानी के तेज बहाव में बीच में लगे करीब 30-40 टेंट बह गए थे। बता दे कि एक सीमित क्षेत्र में अचानक, मूसलाधार बारिश बादल फटने की स्थिति को दर्शाती है।
11 घायलों को आर्मी चॉपर से एयरलिफ्ट किया गया।आर्मी के जवान मलबा हटाने और लापता लोगों की तलाश में जुटे हैं। आज सुबह मलबे से दो घायलों को निकाला गया।
आर्मी की दो रेस्क्यू डॉग स्क्वॉड और रेस्क्यू स्पेशलिस्ट टीम भी पवित्र गुफा पहुंची।
अमरनाथ में रेस्क्यू ऑपरेशन पर
ITBP का बयान
-अभी भी करीब 40 लोग लापता हैं।पवित्र गुफा से पंजतरणी का 6 किमी का इलाका है।हम लगभग 15,000 लोगों को पंजतरणी में लेकर आए हैं।उन्हें खाना शेल्टर,आदी मुहैया कराया जा रहा है।हमने रात में ही सभी लोगों को रास्ते से बचा लिया था : विवेक कुमार पांडे, PRO, ITBP, दिल्ली
-स्थानीय प्रशासन से हमें सूचना मिली है कि करीब 30-40 लोग अभी गुमशुदा हो सकते हैं। हम ITBP, भारतीय सेना, NDRF, SDRF और जम्मू-कश्मीर पुलिस के साथ मिलकर काम कर रहे हैं। गुफा वाले इलाके से हमें कई गुमशुदा लोग मिल सकते हैं: विवेक कुमार पांडे, PRO, ITBP
-यात्रा फिलहाल के लिए रोक दी गई है।लोगों को हम सलाह दे रहे हैं, कि वह ऊपर न जाए। सभी यात्री सुरक्षित हैं और चिंता की बात नहीं है।दोपहर बाद काफी हद तक स्थिति सामान्य होने की संभावना है और अगर प्रशासन निर्णय लेगा तो यात्रा फिर से शुरू कर सकते हैं : विवेक कुमार पांडे,PRO,ITBP,दिल्ली